Zomato :
ZOMATO के CEO दीपिंदर गोयल ने शुद्ध शाकाहारी मॉडल पर सफाई जारी की है। उन्होंने कहा कि इससे किसी के साथ भेदभाव नहीं होगा। दरअसल, ZOMATO को सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। कुछ ने कहा है कि इससे भेदभाव को बढ़ावा मिलेगा।
Zomato Pure Veg Model: फूड डिलिवरी ऐप ZOMATOकी ओर से प्योर वेज मॉडल लॉन्च किया गया है। जिसमें ‘प्योर वेज मोड’ और ‘प्योर वेज फ्लीट’ शामिल हैं। इसका उद्देश्य सिर्फ शाकाहारी रेस्टोरेंट्स और शाकाहारी खाने की डिलिवरी करना है। प्योर वेज मॉडल के जरिए ग्रीन बॉक्स में खाने की डिलिवरी की जाएगी।
ZOMATO के इस नए मॉडल की घोषणा करते ही लोगों ने सोशल मीडिया पर तरह-तरह के रिएक्शन आने लगे। कुछ लोगों ने इसे धर्म के आधार पर बांटने वाला फैसला बताया, तो वहीं कुछ ने इसे भेदभाव वाली पहल बताया। हालांकि कुछ ने इसकी सराहना भी की। सोशल मीडिया पर उठे सवालों के बीच ZOMATOके संस्थापक दीपिंदर गोयल को सफाई जारी करनी पड़ी।
शाकाहारी लोगों से मिला था फीडबैक
उन्होंने एक्स पर लिखा- खाना कभी-कभी डिलीवरी बॉक्स में फैल जाता है और इसकी गंध अगले ऑर्डर तक पहुंच जाती है। ऐसे में हमने शाकाहारी खाने वालों के लिए ये फैसला लिया। हमें शाकाहारी लोगों से फीडबैक मिला था। इसके बाद ही ये पहल की गई। उनकी कुछ चिंताएं सामने आईं थीं।
नकारात्मक सामाजिक असर दिखाई दिया तो वापस लेंगे फैसला
दीपिंदर गोयल ने इस फैसले को भविष्य में वापस लेने की भी बात कही। उन्होंने कहा- मैं वादा करता हूं, कि अगर हमें इस बदलाव का कोई महत्वपूर्ण नकारात्मक सामाजिक असर दिखाई देने लगेगा, तो हम इस फैसले को तुरंत ही वापस ले लेंगे।
हम आरडब्ल्यूए के साथ काम करेंगे
हालांकि कुछ लोगों ने रेड बॉक्स वाले डिलिवरी पार्टनर्स के लिए भी चिंताएं जताईं हैं। उन्होंने कहा है कि कुछ सोसायटी और आरडब्ल्यू वाले लोग फिर ऐसे लोगों को अंदर नहीं आने देंगे। इसके जवाब में दीपिंदर ने कहा कि हम ऐसे किसी भी मामले के लिए सतर्क रहेंगे और आरडब्ल्यूए के साथ काम करेंगे।
नहीं होगा कोई भेदभाव
दीपिंदर गोयल ने कहा- हम इस बदलाव के कारण अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को समझते हैं। जोमैटो सीईओ ने इस बात पर भी जोर दिया कि प्योर वेज डिलीवरी फ्लीट में डिलीवरी पार्टनर की आहार संबंधी प्राथमिकताओं के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा।