Philippines :
दक्षिण चीन सागर में अपने जहाज पर चीन के ‘हमले’ से फिलीपींस तमतमा उठा है. वहां के राष्ट्रपति ने कहा है कि फिलीपींस को डराने-धमकाने की कोशिश का माकूल जवाब दिया जाएगा.
Philippines ने चीन से दो टूक कह दिया है कि ‘अब बस..’ चीन ने हमें फिर से डराने-धमकाने की कोशिश करी तो अंजाम बुरा होगा. फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने गुरुवार को बेहद तल्ख लहजे में यही कहा. उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि ‘हम किसी देश से संघर्ष नहीं चाहते, खासतौर से उनसे जो हमारे दोस्त होने का दावा और दिखावा करते हैं लेकिन हमें डरा-धमका कर चुप नहीं कराया जा सकता.’ मार्कोस ने कहा कि उनका देश किसी के अधीन होना कभी स्वीकार नहीं करेगा. उनकी यह ललकार दक्षिण चीन सागर में चीनी कोस्ट गार्ड की हालिया हरकत के बाद आई है. पिछले दिनों, चीन ने फिलीपींस के सप्लाई जहाज पर वाटर कैनन से बौछार कर दी थी. मनीला ने बार-बार अपने एक्सक्लूसिव इकॉनमिक जोन में चीनी दखल के खिलाफ आवाज उठाई है. अब राष्ट्रपति मार्कोस ने ऐलान कर दिया है कि चीन की हर हिमाकत का उसे माकूल जवाब मिलेगा.
चीन के कोस्ट गार्ड ने फिलीपींस के एक रीसप्लाई मिशन पर ‘हमला’ बोला था. एक रीफ पर मौजूद वारशिप की रक्षा में तैनात जवानों पर वाटर कैनन दागा गाया. चीन जो कि पूरे दक्षिण चीन सागर पर दावा करता है, उसने उल्टे फिलीपींस पर चीनी इलाके में अतिक्रमण का आरोप लगाया. चीन ने कहा कि वह अपने जहाजों की रक्षा के लिए कदम उठा रहा है.
चीन की धमकी का फिलीपींस के राष्ट्रपति ने दिया जवाब
चीन ने सोमवार को धमकी भरे लहजे में फिलीपींस से संभलकर चलने को कहा था. चीन का कहना था कि दोनों देशों के कोस्ट गार्डों के बीच बार-बार टकराव से रिश्ते ‘दोराहे’ पर आ खड़े हुए हैं. मार्कोस ने गुरुवार को फेसबुक पोस्ट में जवाब देते हुए कहा कि वह ‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय में फिलीपींस के दोस्तों के संपर्क में हैं. उन्होंने इंडो-पैसिफिक में शांति और स्थिरता के साथ-साथ हमारी संप्रभुता, संप्रभु अधिकारों और न्यायक्षेत्र की रक्षा के लिए फिलीपींस की मदद की पेशकश की है.’
चीन के साथ रिश्तों में गिरावट की एक वजह फिलीपींस का अमेरिका के करीब जाना भी है. बीजिंग को नाराज करते हुए फिलीपींस ने अपने मिलिट्री बेसेज का एक्सेस अमेरिका को दिया है. इसके अलावा संयुक्त युद्धाभ्यासों ने भी चीन को मुंह बिदकाने पर मजबूर किया. अमेरिका ने पिछले हफ्ते की घटना को ‘खतरनाक’ करार दिया है. फिलीपींस-अमेरिका के बीच एक संधि भी है जिसके तहत दक्षिण चीन सागर में हमले की सूरत में दोनों देश एक-दूसरे की रक्षा करेंगे.