चैत्र नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने से साधक के सभी बिगड़े काम बनने लगते हैं। अगर आप चैत्र नवरात्र में किसी मंदिर जाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो ऐसे में हम आपको मां शैलपुत्री को समर्पित एक ऐसे में मंदिर के बारे में बताएंगे जहां माता रानी के दर्शन करने से साधक की मनचाही मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- चैत्र नवरात्र की शुरुआत 09 अप्रैल से हो गई है।
- चैत्र नवरात्र में मंदिरों में शानदार रौनक देखने को मिलती है।
- वाराणसी में स्थित मां शैलपुत्री मंदिर बेहद रहस्यमयी है।
- देशभर में चैत्र नवरात्र के पर्व को बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस खास अवसर पर मंदिरों में शानदार रौनक देखने को मिलती है। चैत्र नवरात्र के दौरान साधक मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और मंदिर जाकर माता रानी के दर्शन करते हैं। अगर आप भी चैत्र नवरात्र में किसी मंदिर जाने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो ऐसे में हम आपको मां शैलपुत्री को समर्पित एक ऐसे में मंदिर के बारे में बताएंगे, जहां माता रानी के दर्शन करने से साधक की मनचाही मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- (Shailputri Temple)
मां शैलपुत्री को समर्पित मां शैलपुत्री मंदिर शिव की नगरी यानी वाराणसी सिटी रेलवे स्टेशन से 10 से 15 मिनट की दूरी पर अलीईपुर में वरुणा नदी के नजदीक मंदिर स्थित है। धार्मिक मान्यता है कि इस मंदिर मां शैलपुत्री विराजमान हैं। नवरात्र के प्रथम दिन लोगों को साक्षात दर्शन देती हैं।
Benefits of performing Yagya
यह मंदिर आज के समय आस्था का केंद्र बना हुआ है। मंदिर में मां शैलपुत्री के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं। पूजा के दौरान साधक मां शैलपुत्री को लाल फूल और चुनरी अर्पित करते हैं और अपनी मनचाही मनोकामना को पूरी करने लिए प्रार्थना करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि नवरात्र के दौरान इस मंदिर में दर्शन और यज्ञ करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
नवरात्र के पहले दिन इस मंदिर में अधिक संख्या में श्रद्धालु माता रानी के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। मान्यता है कि जो महिला इस मंदिर में अपने पति की लंबी उम्र की कामना के साथ पहुंचती है, तो उन्हें मां शैलपुत्री का आशीर्वाद प्राप्त होता है और पति को दीर्घ आयु का वरदान प्राप्त होता है।