Lok Sabha Elections 2024 :
19 मार्च को चुनाव आयोग की तरफ से 18वीं लोकसभा के चुनाव के ऐलान के साथ ही बीजेपी नीत एनडीए गठबंधन लगातार प्रचार अभियान में जुटा हुआ है। खुद प्रधानमंत्री मोदी हर रोज 3 से 4 रैली कर रहे हैं।
आगामी लोकसभा चुनाव में पहली फेज की वोटिंग में अब 15 दिन से भी कम का समय बचा हुआ है। भारतीय जनता पार्टी जहां लगातार तीसरी बार चुनाव जीतकर हैट्रिक लगाने की तैयारी में है। विपक्षी दल कांग्रेस के नेतृत्व में गठबंधन करके बीजेपी को रोकने की पूरी तैयारी कर रहे हैं। लेकिन विपक्ष का मोदी रोको अभियान सड़क पर नहीं दिखाई दे रहा है। बीजेपी जहां अपने नारे अबकी बार 400 पार को पूरा करने के लिए लगातार प्रचार अभियान में जुटी है। वहीं कांग्रेस नीत इंडिया गठबंधन ने अभी अपनी पहली संयुक्त रैली भी नहीं की है।
हर रोज तीन से 4 रैली और रोड शो कर रहे प्रधानमंत्री
19 मार्च को चुनाव आयोग की तरफ से 18वीं लोकसभा के चुनाव के ऐलान के साथ ही बीजेपी नीत एनडीए गठबंधन लगातार प्रचार अभियान में जुटा हुआ है। खुद प्रधानमंत्री मोदी हर रोज 3 से 4 रैली कर रहे हैं। ‘अबकी बार, 400 पार’ के नारे को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद मोर्चा संभाल लिया है। उन्होंने शनिवार को गाजियाबाद में रोड शो किया।
वहीं, रविवार सुबह-सुबह बिहार में रैली के लिए पहुंचे। इसके बाद वह पश्चिम बंगाल के भी दौरे पर गए। बीजेपी के कैंपेन की जिम्मेदारी केंद्रीय नेतृत्व ने खुद उठा रखी है। बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और बड़े नेता हर दिन किसी न किसी राज्य में रैली कर रहे हैं। वहीं, इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के प्रमुख नेता भी अपने-अपने क्षेत्र से नदारद दिख रहे हैं। पश्चिमी यूपी में खासकर ऐसा ही माहौल दिख रहा है।
पीएम की रैली में NDA की मौजूदगी पीएम की रैली में एनडीए की एकजुटता भी नजर आती है। उनके साथ एनडीए में शामिल घटक दल के नेता भी मंच साझा कर रहे हैं। चाहे बिहार में मनीतीश कुमार, उपेंद्र कुशवाहा, चिराग पासवान और जीतन राम मांझी की पार्टी के नेता हों, पीएम मोदी के साथ बिहार में होने वाली हर रैली में दिखते हैं। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश में हाल ही में एनडीए में शामिल जयंत चौधरी ने भी पीएम मोदी के साथ मंच साझा किया था।
चुनाव प्रचार से INDIA गठबंधन दूर वहीं, अगर हम चुनाव प्रचार में INDIA गठबंधन पर नजर डाले तो गठबंधन ने अब तक ठीक से एक बड़ी रैली तक नहीं की है। भारत जोड़ों न्याय यात्रा के समापन के दौरान विपक्ष जरुर इकट्ठा हुआ था। लेकिन वहां से किसी भी तरह का कोई सियासी संदेश नहीं जा सका था। अगर हम देश की सबसे ज्यादा आबादी वाले सूबे उत्तर प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टियों के प्रचार अभियान पर नजर डालेंगे तो पाएंगे कि समजावादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव बीते 8 दिनों में सिर्फ दो मौकों पर सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए दिखे।
वहीं, बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने अभी तक एक जनसभा को संबोधित नहीं किया है। शनिवार को पहली बार उनके भतीजे अकाश आनंद नगीना लोकसभा सीट पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए दिखे।
बिहार में अकेले रैली कर रहे तेजस्वीबिहार की बात करें तो, तेजस्वी यादाव हालांकि लगातार रैली कर रहे हैं। रैली ही नहीं, वह फेसबुक चौपाल सहित अन्य सियासी कार्यक्रमों में भी लगातार नजर आ रहे हैं। हाल के दिनों में तेजस्वी यादव ने पूर्णिया और जमुई में रैलियों को संबोधित किया और आरजेडी उम्मीदवार के लिए वोट मांगा। लेकिन उनके मंच पर इंडिया गठबंधन और बिहार के महागठबंधन में शामिल दलों के बड़े नेता नहीं नजर आए हैं।