Dadra & Nagar Haveli दादरा नगर हवेली लोकसभा सीट से मौजूदा महिला सांसद कलाबेन डेलकर को बीजेपी ने टिकट दिया है. बीजेपी की ओर से की गई घोषणा के बाद दानह में कलाबेन को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं.
लोकसभा चुनाव में अब की बार, 400 हजार पार का नारा बुलंद करने वाले दानह, जिन पर प्रत्याशी घोषित होने से पहले ही भाजपा पदाधिकारी भू-माफियाओं से मिलीभगत, आदिवासियों के शोषण जैसे आरोप लगा रहे थे। अब दानह स्थित बीजेपी कार्यालय अटल भवन में कलाबेन डेलकर और उनके बेटे अभिनव डेलकर के लिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया. साथ ही रेड कार्पेट बिछाया. इसे ही भाजपा अनुशासन कहती है।
स्वर्गीय मोहन डेलकर का वर्षों तक दादरा नगर हवेली में भाजपा ने विरोध किया था। अब भाजपा के हर तरह के विरोध का सामना कर चुके डेलकर परिवार के लिए काम करने का समय आ गया है। बीजेपी के कर्तव्यनिष्ठ कार्यकर्ता कहां जाएंगे और क्या करेंगे, इस सवाल पर चर्चा हो रही है.
दूसरी ओर, दिवंगत मोहन डेलकर की आत्महत्या के लिए बीजेपी पर आरोप लगाए गए और उपचुनाव में कलाबेन को बीजेपी विरोधी वोट मिले और इस वजह से वह विजेता बनीं, कलाबेन ने खुद बीजेपी विरोधी वोट मांगे. अब अहम सवाल यह है कि वह लोगों के सामने जाकर बीजेपी के लिए वोट कैसे मांगेंगे और क्या उनके समर्थक कलाबेन डेलकर को बीजेपी उम्मीदवार के रूप में स्वीकार करेंगे? जब बीजेपी कार्यकर्ता भी कलाबेन को दिल से स्वीकार करेंगे, है ना? ये सवाल अहम हो गया है.
चूंकि कई भाजपा कार्यकर्ता कल तक खुले तौर पर डेलकर परिवार का विरोध कर रहे थे, इसलिए उनकी मनोदशा समझी जा सकती है। बीजेपी मोवड़ी मंडल की राजनीतिक मजबूरी या सीट जीतने के समीकरणों के चलते कलाबेन को बीजेपी का उम्मीदवार बनाया गया. बीजेपी के पास कई ऐसे नाम थे जो जीत सकते थे लेकिन बीजेपी ने कलाबेन को चुना. लंबे समय से टिकट की कतार में लगे नेताओं पर पहाड़ टूट पड़ा है.
यहां गौरतलब बात यह है कि नाटू पटेल, सनी भीमरा जैसे नेता और कार्यकर्ता कलाबेन डेलकर को क्या स्वीकार करेंगे? अब जब चुनाव की घोषणा के बाद प्रचार अभियान शुरू किया जा रहा है तो यह देखना होगा कि बीजेपी दादरा नगर हवेली की सीट पर ज्यादा फोकस कर कलाबेन डेलकर को जिताने के लिए क्या रणनीति बनाती है.