Bharuch: लोकसभा चुनाव से पहले भरूच के अंकलेश्वर वालिया चौक पर फैसल पटेल की तस्वीर और ‘मैं लड़ूंगा’ नारे वाला बैनर भरूच की राजनीति में चर्चा का विषय बन गया.
लोकसभा चुनाव से पहले ही गुजरात कांग्रेस में टूट शुरू हो गई है. जब कांग्रेस के बड़े नेता पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम रहे हैं तो ऐसी स्थिति बन रही है कि कांग्रेस में टूट हो रही है. गुजरात की भरूच सीट करीब छह महीने से कांग्रेस के लिए सिरदर्द साबित हो रही है.
भरूच लोकसभा सीट के लिए आम आदमी पार्टी प्रमुख केजरीवाल ने देद्यापाड़ा विधायक चैतर वसावा को उम्मीदवार घोषित कर मजबूत दावा पेश किया है, वहीं दिवंगत कांग्रेस नेता अहमद पटेल की बेटी मुमताज ने भी यहां से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है. जो भी हो, पटेल के बेटे फैसल ने भी यहां दावा ठोक दिया है. इस तरह दोनों पार्टियों के बीच टिकट की लड़ाई के बाद अब भरूच सीट के लिए एक ही परिवार के दो सदस्यों के बीच लड़ाई शुरू हो गई है.
दरअसल, भरूच में एक बैनर को लेकर राजनीति गरमा गई है. अहमद पटेल के बेटे फैजल पटेल के एक बैनर पर बहस छिड़ गई है. लोकसभा चुनाव से पहले भरूच के अंकलेश्वर वालिया चौक पर ‘मैं लड़ूंगा’ नारे के साथ फैसल पटेल की तस्वीर वाला बैनर भरूच की राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है.
कुछ समय पहले ही अहमद पटेल की बेटी मुमताज ने भी कांग्रेस से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. तो अब लगता है फैसल पटेल के बैनर ने परिवार को बांट दिया है. दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी चैतर को निपटाने के लिए राज्य में यही एक सीट चाह रही है।
देद्यापाड़ा विधायक चैतर वसावा आदिवासी इलाकों में बेहद लोकप्रिय हैं। जेल में बंद रहने के दौरान उनका समर्थन करने आए आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने वसावा को भरूच से लोकसभा उम्मीदवार घोषित किया है। कुछ दिन पहले दिल्ली में आप और कांग्रेस की बैठक में आप ने कांग्रेस से गुजरात की एकमात्र लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने को कहा है. यह सीट भरूच की है.
वहीं, कांग्रेस की बात करें तो पिछले दो बार से पार्टी यहां की 26 लोकसभा सीटों में से एक भी नहीं जीत सकी है. राष्ट्रीय स्तर पर भारत गठबंधन का गठन हुआ है, जिसमें लगभग 25 अन्य राजनीतिक दल हैं। इन सभी के बीच सीट बंटवारे को लेकर थोड़ी खींचतान चल रही है, लेकिन समझा जाता है कि ऐसा कम ही होता है कि एक ही पार्टी के एक ही परिवार में एक ही सीट को लेकर खींचतान हो.