Bitcoin :
भारत में क्रिप्टो सेगमेंट को लेकर केंद्र सरकार का सख्त रवैया बरकरार है। पिछले महीने वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने कहा था कि देश में क्रिप्टोकरेंसीज को ‘करेंसी’ के तौर पर माना या देखा नहीं जाता
मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में शुक्रवार को लगभग 0.23 प्रतिशत की गिरावट थी। के क्रिप्टो प्राइस ट्रैकर के अनुसार, बिटकॉइन का प्राइस 61,815 डॉलर पर था। हालांकि, Binance जैसे इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर यह लगभग 62,160 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था।
Ether का प्राइस लगभग 0.45 प्रतिशत घटकर 2,999 डॉलर पर था। इसके अलावा Solana, Cardano, Ripple, Tron, Polkadot, Litecoin और Polygon में गिरावट थी। Tether, Near Protocol और Chainlink के प्राइसेज में मामूली बढ़ोतरी थी। क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 2.26 लाख करोड़ डॉलर पर था। Benchmark Company के एनालिस्ट, Mark Plamer का पूर्वानुमान है कि Bitcoin का प्राइस अगले वर्ष के अंत तक 1,50,000 डॉलर पर पहुंच सकता है।
Crypto एक्सचेंज BuyUcoin के CEO, Shivam Thakral ने बताया, “बिटकॉइन में 3.4 करोड़ डॉलर से अधिक की लॉन्ग पोजिशंस को लिक्विडेट किया गया है। हालांकि, सेंटीमेंट बुलिश बना हुआ है। पिछले कुछ दिनों में लगभग 1.7 अरब डॉलर के बिटकॉइन खरीदे गए हैं। बिटकॉइन का मौजूदा प्राइस अस्थायी सपोर्ट के जैसा है।” WazirX के वाइस प्रेसिडेंट, Rajagopal Menon ने कहा, “कुछ देशों के बीच तनाव से प्रेशर बढ़ गया है। Ethereum बेस्ड ऑल्टकॉइन्स के प्राइस में बढ़ोतरी हो सकती है।”
भारत में क्रिप्टो सेगमेंट को लेकर केंद्र सरकार का सख्त रवैया बरकरार है। पिछले महीने वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने कहा था कि देश में क्रिप्टोकरेंसीज को ‘करेंसी’ के तौर पर माना या देखा नहीं जाता। क्रिप्टो मार्केट में आई तेजी के बाद इस सेक्टर को लेकर सरकार के रवैये में बदलाव के प्रश्न पर, सीतारमण का कहना था, “सरकार का हमेशा से यह मानना रहा है कि क्रिप्टो को लेकर बनाए गए एसेट्स का ट्रेडिंग और कई अन्य चीजों के लिए एसेट्स के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। हमने इन्हें रेगुलेट नहीं किया है। ये करेंसीज नहीं हो सकते और यह केंद्र सरकार की पोजिशन है।” अमेरिका में बिटकॉइन स्पॉट ETF को सिक्योरिटीज रेगुलेटर की ओर से स्वीकृति मिलने के बाद क्रिप्टो मार्केट में काफी तेजी आई थी। इससे पहले कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI ने कहा था कि ट्रांजैक्शंस में आसानी के कारण स्टॉक मार्केट से बड़ी संख्या में इनवेस्टर्स का रुख क्रिप्टो सेगमेंट की ओर हो सकता है।