Vistara crisis:
(Tata Group) की दो एयरलाइन- एअर इंडिया और विस्तारा मर्जर होने वाला है। नए सैलरी स्ट्रक्चर में विस्तारा के पायलटों का वेतन का कम हो जाएगा जिसका वे विरोध कर रहे हैं। उनकी यह भी शिकायत है कि एयरलाइन उन्हें पर्याप्त आराम करने नहीं दे रही। विस्तारा के CEO का कहना है कि उनकी पायलटों से बात हुई है और एयरलाइन पायलटों की समस्याओं को लेकर गंभीर है।
पिछले कुछ समय से टाटा ग्रुप और सिंगापुर एयरलाइंस के मालिकाना हक वाली एयरलाइन विस्तारा (Vistara) से सफर करने वाले यात्री परेशान हैं। विस्तारा की बहुत-सी फ्लाइट कैंसिल हो जा रही हैं और कई फ्लाइट डिले भी हो रही हैं। विस्तारा लगातार इस समस्या से निपटने की कोशिश कर रही है।
आइए जानते हैं कि विस्तारा फ्लाइट कैंसिल और डिले होने की समस्या से क्यों जूझ रही है? उसके पायलट उड़ान भरने से मना क्यों कर रहे हैं? पायलटों की डिमांड क्या है और इस पर विस्तारा और उसके सीईओ विनोद कन्नन का क्या रुख है?
What is the root of Vistara crisis?
विस्तारा संकट की सबसे बड़ी वजह है, टाटा ग्रुप की दो एयरलाइन, एअर इंडिया और विस्तारा का मर्जर। इससे विस्तारा के पायलटों का सैलरी स्ट्रक्चर बदलेगा और उनका वेतन कम हो जाएगा, जिसका वे विरोध कर रहे हैं।
दरअसल देश में एविएशन सेक्टर की शुरुआत टाटा ग्रुप ने ही की थी, साल 1932 में टाटा एयरलाइंस के साथ। लेकिन, साल 1953 में सरकार ने टाटा एयरलाइंस को राष्ट्रीयकृत करके अपने अधिकार में ले लिया और नाम रख दिया, एअर इंडिया।
अगले कुछ दशक तक एअर इंडिया के CEO टाटा ग्रुप के जेआरडी टाटा ही रहे। मगर, टाटा को हमेशा अपनी एयरलाइन ना होने की कमी खलती थी। लिहाजा, उसने साल 2013 में विस्तारा की नींव रखी। लेकिन, तब तक एअर इंडिया की हालत खस्ता हो चुकी थी और सरकार उसे बेचने की जुगत में थी।
टाटा ग्रुप का एअर इंडिया के साथ भावनात्मक लगाव था। इसलिए उसने साल 2021 में इसे सरकार से खरीद लिया। लेकिन, इससे समस्या यह हो हुई कि टाटा ग्रुप के पास दो एयरलाइन हो गईं। ऐसे में उसने दोनों के मर्जर का फैसला किया, जिसका असर विस्तारा के पायलटों के सैलरी स्ट्रक्चर पर पड़ रहा है।
What are the pilots complaining?
पायलट एअर इंडिया और विस्तारा के मर्जर के बाद बनने वाली नई यूनिट में अपने सैलरी स्ट्रक्चर से नाखुश हैं। इसमें उनका वेतन कम हो जाएगा। मसला सिर्फ नए सैलरी स्ट्रक्चर का नहीं है। विस्तारा के पायलट यह भी चाहते हैं कि एविएशन रेगुलेटर DGCA ने पायलटों के आराम के जो नए नियम बनाए हैं, उन्हें भी जल्द लागू किया जाए। साथ ही, अगर विस्तारा फ्लाइट में इजाफा करती है, तो उस हिसाब से एडवांस में पायलटों का बफर भी तैयार रखे।
पायलटों का आरोप है कि नए रोस्टर से उन्हें आराम के लिए पर्याप्त वक्त नहीं मिल पाता, जिससे उनकी निजी जिंदगी भी प्रभावित हो रही है। यही वजह है कि बहुत से पायलट सिक लीव यानी बीमारी वाली छुट्टी पर चले गए हैं, जिससे एयरलाइन के संचालन पर बुरा असर पड़ा है।
हालांकि, विस्तारा के साथ दिक्कत यह कि उसके करीब 200 पायलट ट्रेनिंग पीरियड में है। इससे सीनियर पायलटों पर काम का बोझ बढ़ गया है। एक तो थकाऊ काम, दूसरे सैलरी स्ट्रक्चर में वेतन कम करने की तैयारी पायलटों की नाराजगी को और बढ़ा रही है।
साथ ही, पायलटों को मर्जर की वजह से अपना भविष्य भी अनिश्चित लग रहा, जिसकी प्रक्रिया अगले साल यानी 2025 के मध्य तक पूरी होने वाली है।
Vistara’s flight operation shaky
पायलटों का विरोध विस्तारा पर काफी भारी पड़ रहा है। इसके चलते उसे 200 से अधिक फ्लाइट कैंसिल करनी पड़ी है। डिले वाली उड़ानों की तादाद तो 300 के पार पहुंच चुकी है। इससे 30 हजार से अधिक यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ी है। विस्तारा ने ज्यादातर यात्रियों को या तो रिफंड दिया है, या फिर किसी अन्य फ्लाइट में शिफ्ट कराया है।
इससे विस्तारा की साख को धक्का तो लगा ही है, साथ ही आर्थिक तौर पर भी बड़ा नुकसान हुआ है। एक अनुमान के मुताबिक, फ्लाइट के कैंसिल और डिले होने से विस्तारा को 15 करोड़ रुपये से अधिक की चपत लगी है।
EO hopes to resolve the crisis soon
हालांकि, विस्तारा के सीईओ विनोद कन्नन ( Vinod Kannan) को उम्मीद है कि यह संकट जल्द सुलझ जाएगा। कन्नन ही एअर इंडिया और विस्तारा के मर्जर का भी काम देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने पायलटों के साथ चर्चा की है और हम मौजूदा रोस्टरिंग सिस्टम की समीक्षा करेंगे। साथ ही, सैलरी स्ट्रक्चर में भी जरूरी बदलाव किया जाएगा।
कन्नन ने इस बार पर भी जोर दिया है कि विस्तारा छोड़ने वाले अधिकारियों या फिर कर्मचारियों की संख्या में भी कोई असामान्य उछाल नहीं आया है। साथ ही, उन्होंने इन आशंकाओं को भी खारिज किया है कि मर्जर की वजह से पायलटों का भविष्य अनिश्चित है। उन्होंने कहा कि हमारे बेड़े में लगातार नए विमान शामिल होने वाले हैं, जिसके चलते हम नई हायरिंग तक कर रहे हैं।
विस्तारा में कुल 6,500 लोग काम करते हैं, जिनमें से 1,000 पायलट हैं। कन्न ने कहा कि कुछ ऐसे पायलट हैं, जिन्हें ज्यादा उड़ान भरना पसंद है। लेकिन, कुछ को यह नहीं पसंद है। हम सबका फीडबैक लेकर रोस्टर में जरूरी सुधार करेंगे।