Somvati Amavasya 2024:
सोमवती अमावस्या आज, पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए करें ये उपाय
सनातन शास्त्र में बताया गया है कि भगवान श्री राम ने अपने पिता दशरथ जी और जटायु को तर्पण दिया था। वहीं, भरत ने भी अपने पिता दशरथ का तर्पण और पिंडदान किया।
- ज्योतिष शास्त्र में अमावस्या तिथि पर विशेष उपायों के बारे में बताया गया है।
- ये उपाय करने से पितृ प्रसन्न होते हैं।
- सोमवती अमावस्या के दिन गंगाजल युक्त जल से स्नान करें
- सोमवती अमावस्या पितरों को समर्पित मानी जाती है। इस दिन पितरों को तर्पण और पिंडदान किया जाता है। सोमवती अमावस्या के दिन पितरों को तर्पण करने से पितृ दोष समाप्त होता है। साथ ही पितरों की कृपा भी प्राप्त होती है, जिससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। सनातन शास्त्र में बताया गया है कि भगवान श्री राम ने अपने पिता दशरथ जी और जटायु को तर्पण दिया था। वहीं, भरत ने भी अपने पिता दशरथ का तर्पण और पिंडदान किया। ज्योतिष शास्त्र में अमावस्या तिथि पर विशेष उपायों के बारे में बताया गया है। ये उपाय करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। इनकी कृपा से व्यक्ति को सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। आइए, जानते हैं कि सोमवती अमावस्या पर कौन-से उपाय करना चाहिए।
- सोमवती अमावस्या के दिन गंगाजल युक्त जल से स्नान करें। यदि सुविधाजनक हो, तो अमावस्या तिथि पर गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करें। इस समय अपने पितरों को तर्पण करें। इसके लिए अपने हाथ की हथेली में जल और काले तिल लेकर पितरों को तर्पण करें। इस समय तीन बार जलांजलि दें। शास्त्रों में बताया गया है कि माता-पिता की तीन पीढ़ियों के पूर्वजों को तर्पण दिया जाता है। इसलिए तीन बार जलांजलि दें।अगर आप अपने पितरों को मोक्ष दिलाना चाहते हैं, तो सोमवती अमावस्या पर स्नान-ध्यान करने के बाद अपने पितरों को तर्पण दें। फिर गरुड़ पुराण का पाठ करें। इस पुराण का पाठ करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है।
- यदि आप पितृ दोष से पीड़ित हैं, तो सोमवती अमावस्या के दिन स्नान-ध्यान करने के बाद दक्षिण दिशा की ओर मुख करके काले तिल मिले जल से अर्घ्य दें। इस समय अपने पितरों का ध्यान करें और अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगें।
- गरुड़ पुराण में निहित है कि अमावस्या तिथि पर गौशाला या छत पर दक्षिण दिशा में दीपक जलाएं और पितृ कवच और पितृ स्तोत्र का पाठ करें। यह उपाय शाम के समय करें। ये उपाय करने से पितृ प्रसन्न होते हैं।
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