चंद्रयान-3 की लैंडिंग से पहले, भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र से जुड़ी 13 कंपनियों के शेयर की कीमतों में वृद्धि के परिणामस्वरूप चालू सप्ताह में इक्विटी के बाजार पूंजीकरण में 2.50 बिलियन डॉलर का इजाफा हुआ।
चंद्रयान-3 ने न केवल भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों को वैश्विक पहचान दिलाई है, बल्कि देश के अंतरिक्ष क्षेत्र में शामिल निजी कंपनियों के लिए भी अवसर पैदा किए हैं।
रॉकेट संचार और नेविगेशन में उपयोग किए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और धातु गियर की आपूर्ति करने वाली कम से कम 13 सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई और उनके बाजार पूंजीकरण में 2.50 बिलियन डॉलर का इजाफा हुआ।
जिन कंपनियों के शेयर की कीमतों में वृद्धि देखी गई है उनमें अम्तार, बीएचईएल, एलएंडटी, हिंदुस्तान एयरो, वालचंदनगर इंडस्ट्रीज़, मिश्र धातु निगम, लिंडे इंडिया, सेंटम इलेक्ट्रॉनिक्स, अवंतेल शामिल हैं। चालू सप्ताह में इन कंपनियों के शेयर की कीमत में 11 से 23 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है.
चंद्रयान-3 के बाद भारत का भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अगले साल कई अंतरिक्ष कार्यक्रम शुरू करने की तैयारी कर रहा है। जिसमें दुनिया के कुछ देश भी शामिल होने के लिए उत्सुक हैं.