Daniel Balaji Death :
हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों के बीच एक और दुखद समाचार सामने आया है। तमिल एक्टर डेनियल बालाजी की हार्ट अटैक की वजह से मृत्यु हो गई। हार्ट अटैक के लक्षणों की पहचान कर वक्त पर मदद लेना जान बचाने के लिए बेहद आवश्यक है। जानें क्यों आता है हार्ट अटैक और कैसे कर सकते हैं हार्ट अटैक से बचाव।
HIGHLIGHTS:
- हार्ट अटैक की वजह से तमिल एक्टर डेनियल बालाजी की मृत्यु हो गई।
- हार्ट अटैक आर्टरी में ब्लॉकेज या ब्लड क्लॉट बनने की वजह से आता है।
- सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और खूब पसीना आना इसके आम लक्षण हैं।
Daniel Balaji Death:
तमिल एक्टर डेनियल बालाजी का हार्ट अटैक से निधन हो गया। उनकी उम्र महज 48 साल थी। बताया जा रहा है कि उनके सीने में काफी तेज दर्द शुरू हुआ और सांस लेने में तकलीफ होने लगी थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन हार्ट अटैक की वजह से शुक्रवार को उनकी मृत्यु हो गई।
इस दुखद समाचार से यह समझा जा सकता है कि हार्ट अटैक एक गंभीर समस्या है, जिसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और इससे बचाव करना और वक्त पर मदद मिलने से ही जान बचने की उम्मीद रहती है। इसलिए आज हम आपको बताने वाले हैं क्यों आता है हार्ट अटैक और किन लक्षणों के नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
क्यों आता है हार्ट अटैक?
मायो क्लीनिक के मुताबिक, हार्ट अटैक या मायो कार्डियल इंफ्रेक्शन ऐसी कंडिशन है, जिसमें दिल तक खून बेहद कम मात्रा में पहुंचता है या बिल्कुल नहीं पहुंच पाता है। यह आमतौपर पर आर्टरी ब्लॉक होने की वजह से होता है, जिसमें दिल तक खून पहुंचाने वाली आर्टरी में कोलेस्ट्रॉल, फैट या कोई अन्य प्लेग जमा हो जाता है, जिसकी वजह से ब्लड फ्लो में रुकावट होने लगती है।
कई बार प्लेग जमा होने की वजह से आर्टरी में ब्लड प्रेशर इतना अधिक हो जाता है कि वह फट जाती है या ब्लड क्लॉट बन जाता है। इस कारण भी हार्ट अटैक का खतरा रहता है। ब्लड न मिलने की वजह से ऑक्सीजन सप्लाई बंद हो जाता है और हार्ट मसल्स मरने लगते हैं, जिससे दिल काम करना बंद कर देता है। प्लेग जमा होने की इस प्रक्रिया को एथेरोस्क्लेरोसिस कहा जाता है।
क्या हैं हार्ट अटैक के लक्षण?
- सीने में दर्द
- सांस लेने में तकलीफ
- सीनें में जकड़न या दबाव जैसा महसूस होना
- जबरों, हाथ या गर्दन में दर्द फैलना
- चक्कर आना
- अनियमित धड़कनें
- इनसोम्निया
- थकान
- मितली
- पसीना आना
- हार्ट बर्न
- पीठ के ऊपरी भाग में दबाव या झंझनाहट महसूस होना
- बाएं हाथ में दर्द होना या झंझनाहट महसूस होना
क्या हैं हार्ट अटैक के रिस्क फैक्टर्स?
- हाई ब्लड प्रेशर की वजह से हार्ट अटैक आ सकता है क्योंकि ब्लड वेसल्स पर ज्यादा दबाव पड़ने की वजह से वह फट सकते हैं या ब्लड क्लॉट बन सकता है।
- 45-55 साल से ज्यादा उम्र होने पर महिलाओं और पुरुषों में हार्ट अटैक का खतरा समान रूप से बढ़ जाता है क्योंकि मेनोपॉज के बाद महिलाओं में एस्ट्रोजेन का लेवल कम हो जाता है।
- डायबिटीज के मरीजों में हार्ट अटैक का खतरा अधिक रहता है।
- मेटाबॉलिक सिंड्रोम की वजह से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है। मेटाबॉलिक सिंड्रोम यानी हाई बीपी, मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड शुगर या हाई ट्राईग्लिस्साइड्स में से कोई तीन समस्याएं होना।
- तंबाकू के सेवन से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
- तनाव अधिक होने, अनहेल्दी डाइट और सेडेंटरी लाइफस्टाइल की वजह से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
- परिवार में हार्ट अटैक की समस्या हो, तो भी इसका रिस्क बढ़ जाता है।
- मोटापे की वजह से भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
कैसे करें हार्ट अटैक से बचाव?
- नियमित एक्सरसाइज करें। रोज कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करना फायदेमंद हो सकता है। इससे वजन भी कंट्रोल होगा।
- हेल्दी डाइट खाएं। खाने में ओमेगा-3 फैटी एसिड, प्रोटीन, विटामिन, फाइबर और मिनरल्स को संतुलित मात्रा में शामिल करें और जंक फूड से परहेज करें।
- शराब व तंबाकू के पदार्थों का सेवन न करें।
- तनाव कम करें। योग, मेडिटेशन आदि की मदद से स्ट्रेस कम करें।
- ब्लड शुगर और बीपी कंट्रोल करें।
- हार्ट अटैक का कोई भी लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।