Loksabha Elections 2024 :
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मैसुरु में पत्रकारों से कहा कि यह सच है कि कोलार (Lok Sabha Election 2024) में असंतोष है, लेकिन अभी तक उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का सौहार्दपूर्ण ढंग से समाधान किया जाएगा.
लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही कर्नाटक में कांग्रेस इन दिनों पार्टी की अंदरूनी कलह से जूझ रही है. कोलार सीट को लेकर पार्टी में खींचतान देखी जा रही है. कोलार सीट पूर्व सांसद के दामाद को दिए जाने पर कांग्रेस के पांच विधायकों ने इस्तीफे की धमकी दी है. Congress के पांच विधायकों ने बुधवार को धमकी दी कि यदि पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं मंत्री के. एच. मुनियप्पा के दामाद चिक्का पेद्दन्ना को आगामी लोकसभा चुनाव में कोलार से टिकट दिया गया तो वे इस्तीफा दे देंगे. हालांकि पार्टी ने अभी तक इस क्षेत्र में अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है.
साल 1991 से, कोलार निर्वाचन क्षेत्र से केएच मुनियप्पा ने जीत हासिल की है, जो अब सिद्धारमैया कैबिनेट में खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री हैं. वह अब अपने दामाद चिक्का पेद्दन्ना के लिए टिकट मांग रहे हैं. भले ही पार्टी ने अभी तक उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है, लेकिन एक मंत्री समेत कोलार जिले के तीन विधायक और विधान परिषद के दो सदस्य (एमएलसी) पहले ही प्रस्तावित कदम पर इस्तीफा देने की धमकी दे चुके हैं.
कांग्रेस में कोलार सीट पर रार
सभी विधायक पेद्दन्ना की उम्मीदवारी का विरोध कर रहे हैं. दरअसल पेद्दन्ना को टिकट मिलने से अनुसूचित जाति के वामपंथी धड़े को प्रतिनिधित्व मिलेगा. कोलार जिले के तीन विधायकों कोलार से कोथुर जी मंजूनाथ, मालूर से के. वाई. नांजेगौड़ा और चिंतामणि क्षेत्र से एम. सी. सुधाकर और दो विधानपरिषद सदस्यों (एमएलसी) अनिल कुमार और नसीर अहमद (मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के राजनीतिक सचिव) का कहना है कि अनुसूचित जाति के दक्षिणपंथी धड़े के उम्मीदवार को टिकट दिया जाना चाहिए. सुधाकर सिद्धरमैया मंत्रिमंडल में उच्च शिक्षा मंत्री हैं.
जिले के कांग्रेस के एक अन्य विधायक एस. एन. नारायणस्वामी (बंगारापेट) ने भी कहा कि अनुसूचित जाति के दक्षिणपंथी धड़े के उम्मीदवार को टिकट दिया जाना चाहिए, और पार्टी के कोलार सीट पर उम्मीदवार के बारे में फैसला करने के बाद वह अपने अगले कदम के संबंध में फैसला करेंगे. वहीं पार्टी के सूत्रों ने कहा, “पार्टी में कोलार के दो गुटों के बीच यह वर्चस्व की लड़ाई है, जिनमें से एक का नेतृत्व खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री के. एच. मुनियप्पा और दूसरे का नेतृत्व कर्नाटक विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष के. आर. रमेश कुमार कर रहे हैं.”
कांग्रेस के 5 विधायक और 2 MLC इस्तीफा देने पर अड़े
दोनों एमएलसी ने परिषद के सभापति बसवराज होरत्ती से मुलाकात की और इसके बाद पत्रकारों को अपना इस्तीफा दिखाया.विधायकों ने हालांकि बाद में कहा कि उन्होंने सिद्धरमैया और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डी के शिवकुमार के निर्देशों के बाद अभी इस संबंध में इंतजार करने का फैसला किया है. इस बीच शहरी विकास मंत्री बी. एस. सुरेश विधायकों से मिलने के लिए ‘विधान सौध’ पहुंचे और उन्हें इस्तीफा न देने के लिए मनाने की कोशिश की. सुरेश ने पत्रकारों से कहा, “यह पता चलने पर कि विधायक नाराज हैं, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, पार्टी महासचिव और पार्टी अध्यक्ष ने मुझसे उन्हें मनाने के लिए कहा, और इस मुद्दे का सौहार्दपूर्ण ढंग से समाधान किया जाएगा. मैंने उन्हें भी यही बात बताई है और वे सहमत हो गए हैं.”
सुरेश ने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों के बेंगलुरु वापस आने के बाद इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा कि अभी तक कोलार सीट पर उम्मीदवार की घोषणा नहीं हुई है और एक दो दिन में उम्मीदवार की घोषणा कर दी जायेगी. सुधाकर ने कहा, “मंत्री सुरेश ने हमें पार्टी नेतृत्व के निर्देशों से अवगत कराया है, हम देखेंगे कि पार्टी नेतृत्व क्या कहता है और अपनी अगली कार्यवाही तय करेंगे.” उन्होंने कहा कि उन्होंने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया है, बल्कि विधानसभा सचिवालय से त्यागपत्र का निर्धारित प्रारूप ले लिया है.
सभी बातों पर कांग्रेस आलाकमान करे विचार
नांजेगौड़ा ने कहा कि विधायकों ने एक साथ मिलकर लोकसभा उम्मीदवार के बारे में पार्टी आलाकमान के साथ अपनी राय साझा की थी. घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुनियप्पा ने कहा कि हाल में एक बैठक के दौरान निर्वाचन क्षेत्र के कांग्रेस के सभी नेताओं ने निर्णय लिया था कि हर कोई आलाकमान, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के फैसले को मानेगा. उन्होंने कहा, “आज एक नया घटनाक्रम हुआ है, मैं इसके बारे में नहीं जानता, मैं पार्टी के फैसले का पालन करूंगा.” वहीं मुनियप्पा ने कहा, “मैं पार्टी का एक अनुशासित सिपाही हूं और उम्मीद करता हूं कि आलाकमान इन सभी चीजों पर विचार करके फैसला लेगा.”
कोलार सीट पर अब तक उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मैसुरु में पत्रकारों से कहा कि यह सच है कि कोलार में असंतोष है, लेकिन अभी तक उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का सौहार्दपूर्ण ढंग से समाधान किया जायेगा।
उपमुख्यमंत्री एवं कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख शिवकुमार ने कारवाड़ में कहा कि पार्टी ने अभी तक उम्मीदवार के संबंध में फैसला नहीं किया है और किसी को भी चिंता करने की जरूरत नहीं है और सभी को पार्टी अनुशासन का पालन करना चाहिए. उन्होंने कहा, “मैंने सभी से बात की है, वे सहमत हैं, मैं बेंगलुरु वापस जा रहा हूं और सब कुछ सुलझा लूंगा. हमें राज्य और पार्टी हित को ध्यान में रखना होगा.” इस बीच, होरत्ती ने कहा कि एमएलसी ने अभी तक अपना इस्तीफा नहीं सौंपा है और उन्होंने समय मांगा था. उन्होंने कहा, “उन्होंने इस्तीफा देने के लिए समय मांगा था, लेकिन अब वह इस्तीफा नहीं देना चाहते. मैं उनसे जबरदस्ती नहीं ले सकता. यदि वह देंगे तो मैं स्वीकार कर लूंगा.”