Darbhanga: पहले नाबालिग से दुष्कर्म, फिर जुर्माने के नाम पर आबरू की कीमत सवा लाख और उसके बाद पीड़िता की मौत. इस वारदात ने महिला सुरक्षा और नारी सम्मान को तार-तार कर दिया. इस घटना में सरकार और प्रशासन की संवेदनहीनता को देखते हुए अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है. आयोग ने नीतीश सरकार और डीजीपी को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है.
NHRC ने एक नाबालिग लड़की के मामले में बिहार सरकार को नोटिस जारी किया है. जिसमें पुलिस द्वारा कार्रवाई में कथित देरी किए जाने पर जवाब-तलब किया गया है. मामला दरभंगा जिले से जुड़ा है. राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए ये नोटिस जारी किया है. आयोग ने बिहार सरकार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से छह सप्ताह के भीतर पूरी रिपोर्ट मांगी है. साथ ही कहा गया है
”अभी तक किसी भी वरीय पदाधिकारी का निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है. मीडिया से जानकारी मिली है. अगर कोई निर्देश प्राप्त होता है तो उस आधार पर हमलोग आगे की कार्रवाई करेंगे. हालांकि अपने स्तर से भी हमलोग कार्रवाई में जुटे हुए हैं.”
क्या था पूरा मामला? :
एक मार्च को दरभंगा जिले में पीड़िता (13) खेत में भैंस चराने गई थी. इस दौरान वहां मौजूद एक युवक (25) ने उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया और मौके से फरार हो गया. किसी तरह पीड़िता अपने घर पहुंची. मामला पंचायत में पहुंचा और आरोपी की पहचान कर उस पर सवा लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया. पंचायत के दबाव के बाद आरोपी ने पीड़िता को जुर्माने की राशि मुहैया कराई.
परिजन ने पीड़िता को आरोपी के घर पहुंचायाः
लेकिन यहां से कहानी में ट्विस्ट आ गया. पंचायत के दूसरे दिन परिवार ने पीड़िता को आरोपी के घर पहुंचा दिया. परिवार का तर्क था कि जिसने उसके साथ दुष्कर्म किया वो उसे रखे, क्योंकि पीड़िता को अब कौन रखेगा?. ग्रामीणों ने बताया कि पीड़िता 4-5 दिनों तक आरोपी के यहां रही. लेकिन बाद में उसने नाबालिग को निकाल दिया. जिसके बाद पीड़िता अपने मां-बाप के यहां पहुंची.
लड़की की तबीयत बिगड़ने से हुई मौतः
इसके बाद मां बाप ने उसे उसकी बड़ी बहन के पास भेज दिया. इस बीच पीड़िता की तबीयत बिगड़ गई. परिजनों का कहना है कि ‘16 मार्च को उसकी तबीयत खराब होने लगी, उसे हम लोग डॉक्टर के पास ले गए. लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. उसे गांव में ही दफना दिया.’ बड़ा सवाल यह है कि इतनी बड़ी घटना हो जाती है, पुलिस को इसकी सूचना नहीं दी जाती है. और न ही पुलिस को इसकी भनक तक लगती है.
मौत के 48 घंटे बाद खुली पुलिस की नींद:
आखिरकार नाबालिग की मौत के 48 घंटे बाद पुलिस की नींद खुलती है, और जहां पर पीड़िता को दफनाया गया था, वहां से उसके शव को कब्र से बाहर निकाला जाता है और पोस्टमॉर्टम के लिए डीएमसीएच भेज दिया जाता है. पोस्टमार्ट के बाद शव को उसके परिजनों को सौंप दिया जाता है. बाजिदपुर थाना क्षेत्र की पुलिस दावा करती है कि ”आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा और कहां चूक हुई इसकी भी जांच की जाएगी.”