GUJARAT: जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव की तैयारी हो रही है, वैसे-वैसे नए समीकरण और चौंकाने वाली खबरें लोगों को चौंकाती जा रही हैं। गुजरात बीजेपी के लिए सबसे सुरक्षित राज्य है. कहा जा सकता है कि BJP के लिए ये राजनीतिक स्वर्ग है या अंतर का किला. बीजेपी के इस गढ़ को लंबे समय से न तो कांग्रेस भेद पाई है और न ही कोई अन्य पार्टी.
ऐसे में BJP गुजरात में टिकट पाने के लिए संघर्ष कर रही है. एक नेता बीजेपी के साथ रहकर खुद को भाग्यशाली मानता है. बीजेपी के लिए कहा जाता है कि अगर स्ट्रीट लाइट के खंबे वाले को भी टिकट दे दिया जाए तो वह जीत सकता है. ऐसे में साबरकांठा और वडोदरा से बीजेपी के लिए बड़ी खबर आई है.
बीजेपी में टिकट वापस करना बड़ी बात है. बीजेपी ने साबरकांठा से भीखाजी ठाकोर और वडोदरा से मौजूदा सांसद रंजन भट्ट को मिले टिकट वापस करने का चौंकाने वाला फैसला सुनाकर सभी को चौंका दिया है.
इन दोनों की चुनाव लड़ने की अनिच्छा दरअसल पार्टी का आदेश तो नहीं है? विरोध को देखते हुए बीजेपी को दोनों उम्मीदवारों के चुनाव न लड़ने की इच्छा सार्वजनिक करनी होगी? दरअसल वडोदरा, साबरकांठा और गुजरात की 26-26 सीटें बीजेपी के लिए सुरक्षित मानी जा रही हैं. ऐसा माना जा रहा है कि उम्मीदवार कोई भी हो, बीजेपी की जीत पक्की है. क्योंकि बीजेपी के पास प्रधानमंत्री मोदी का मजबूत चेहरा है और इस चेहरे पर बीजेपी की जीत की 100 फीसदी गारंटी है.
लेकिन सवाल फिर वहीं रुक जाता है कि बीजेपी में ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसी उम्मीदवार को उम्मीदवार घोषित होने के बाद उम्मीदवार बनने से मना कर दिया गया है. अभी तक बीजेपी में कोई कुछ नहीं बोल सका. लेकिन जब से बीजेपी में परका नेताओं के लिए रेड कार्पेट बिछाया जा रहा है, तब से बीजेपी के पुराने कार्यकर्ताओं में काफी कड़वाहट, नाराजगी, असंतोष और उबल रहा गुस्सा है. शिकायतें यह भी उठ रही हैं कि बड़े स्तर के नेता जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की भावनाओं का मजाक उड़ा रहे हैं, लेकिन हर कोई पीएम मोदी के नाम पर तैर रहा है और राजपथ का आनंद ले रहा है।यानी रंजन भट्ट और भीखाजी ठाकोर की घटना बीजेपी के लिए पशर में पहली पुनी की तरह है. सिर्फ गुजरात ही नहीं, बल्कि पूरे देश से यह राघवात और कछ्वावत नहीं निकलेगी.