Indian Navy :सोमाली के समुद्री डाकुओं के खिलाफ 40 घंटे भारतीय नौसेना के ऑपरेशन के बाद एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. तीन महीने पहले डाकुओं द्वारा हाइजैक किए गए मालवाहक जहाज को सुरक्षित बचा लिया गया है. इसके अलावा पूर्व मर्चेंट शिप रुएन के चालक दल के 17 सदस्यों को भी सुरक्षित निकाल लिया है.
समुद्र में भारतीय नौसेना ने एक बार फिर अपनी ताकत दिखाई है. सोमाली के समुद्री डाकुओं के खिलाफ 40 घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद भारतीय नौसेना को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. इस सफलता का पूरा श्रेय वॉरशिप आईएनएस कोलकाता को जाता है. शनिवार यानी 16 मार्च 2024 को अरब सागर में 35 सोमलियाई समुद्री लुटेरों को हिरासत में लिया था. दरअसल इन लुटेरों ने मालवाहक जहाज को पिछले तीन महीने से अपने कब्जे में रखा था. लंबे ऑपरेशन के बाद समुद्री डाकुओं को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर होना पड़ा. चालक दल के 17 सदस्यों को भी बिना किसी चोट के बचा लिया गया था. अब खबर है कि लुटेरों को हिरासत में लेने के बाद युद्धपोत आईएनएस कोलकाता अब मुंबई पहुंच गया है. IPC के तहत करवाई की जाएगी और येलो गेट पुलिस को कस्टडी सौंपी जाएगी.
इस तरह चला ऑपरेशन
एमवी रुएन को पिछले साल 14 दिसंबर को सोमाली समुद्री डाकुओं ने अपहरण कर लिया था. उसके बारे में बताया गया था कि वह खुले समुद्र में समुद्री डकैती को अंजाम देने के लिए एक समुद्री डाकू जहाज के रूप में रवाना हुआ था. आईएनएस कोलकाता ने जहाज से लॉन्च किए गए ड्रोन के जरिए एमवी रुएन पर सशस्त्र समुद्री लुटेरों की मौजूदगी का पता लगाया. नौसेना ने कहा, एक लापरवाह शत्रुतापूर्ण कार्रवाई करते हुए समुद्री डाकुओं ने ड्रोन को मार गिराया और भारतीय नौसेना के युद्धपोत पर गोलीबारी की. आईएनएस कोलकाता ने जहाज के स्टीयरिंग सिस्टम और नेविगेशनल सहायता को निष्क्रिय कर दिया, जिससे समुद्री डाकू जहाज को रुकने के लिए मजबूर हो गए.
जहाज से अवैध हथियार हुए बरामद
आईएनएस कोलकाता ने समुद्री डाकू जहाज रुएन को भारतीय तट से लगभग 2600 किमी दूर रोका था और आईएनएस सुभद्रा, हेल आरपीए, पी8आई समुद्री गश्ती विमान और मार्कोस – प्रहार को सी-17 विमान द्वारा हवा में गिराया था. इस कार्रवाई के कारण समुद्री डाकू जहाज रोकने के लिए मजबूर हो गए. जहाज से अवैध हथियार, गोला-बारूद और कई प्रतिबंधित सामग्री भी बरामद की गई.
INS कोलकाता की क्या खासियत है
आईएनएस कोलकाता भारतीय नौसेना के कोलकाता श्रेणी के स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक का प्रमुख जहाज है. इसका नाम भारतीय शहर कोलकाता (पूर्व में कलकत्ता) के नाम पर रखा गया था. इसका निर्माण मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) में किया गया था और समुद्री परीक्षण पूरा करने के बाद 10 जुलाई 2014 को इसे नौसेना को सौंप दिया गया था. जहाज को आधिकारिक तौर पर 16 अगस्त 2014 को आयोजित एक समारोह में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कमीशन किया था.