Congress Press Conference BJP Electoral Bond: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि चुनावी चंदा के मामले में जो तथ्य सामने आए हैं, वो शर्मनाक हैं। पिछले 70 सालों में जो लोकतंत्र की छवि बनी थी, उस पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दल हजारों करोड़ रुपये जमा कर चुके हैं, लेकिन विपक्ष के सारे अकाउंट बंद कर दिए गए हैं। विपक्ष का बैंक अकाउंट बंद करना लोकतंत्र में दूरगामी प्रभाव पैदा करेगा।
‘लोकतंत्र में सभी के पास समान रूप से संसाधन हों’
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि लोकतन्त्र में सभी के पास समान रूप से संसाधन हों। सत्ताधारी के लिए अलग न हो। दुर्भाग्य से सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद जो तथ्य निकल कर सामने आये, वो शर्मनाक और चिंताजनक हैं। हम पैसों के अभाव में चुनाव न लड़ पाएं, इसलिये हमारे अकाउंट फ्रीज कर दिये गए।
‘बीजेपी ने विपक्ष के साथ खतरनाक खेला’
खरगे ने कहा कि सत्ताधारी दल ने विपक्ष के साथ खतरनाक खेल खेला है। बीजेपी ने चुनावी चंदे से 56 प्रतिशत धन इकट्ठा किया है। बीते 70 साल में सत्ताधारी दल को इतना चंदा मिला हो, ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है। बीजेपी के पास Electoral Bond के अलावा जो चंदा कैश में आता होगा, उसका कोई हिसाब नहीं है। ऐसा पहली बार हुआ है कि जब सरकार अनेक ढंग से पैसे उठा रही है।
‘चुनावी चंदे का मुद्दा लोकतंत्र को प्रभावित करता है’
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि चुनावी चंदे का मुद्दा न केवल कांग्रेस को प्रभावित करता है, बल्कि यह हमारे लोकतंत्र को भी मौलिक रूप से प्रभावित करता है। प्रधानमंत्री द्वारा कांग्रेस को आर्थिक रूप से पंगु बनाने का सुनियोजित प्रयास चल रहा है। जनता से एकत्रित धन को रोका जा रहा है और हमारे खातों से जबरन पैसा छीना जा रहा है।
‘चुनावी बॉन्ड से बीजेपी को हुआ भारी फायदा’
सोनिया गांधी ने कहा कि एक तरफ इलेक्टोरल बॉन्ड का मामला है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया है। Electoral bond से भाजपा को भारी फायदा हुआ। दूसरी ओर, प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की वित्तीय स्थिति पर निर्णायक हमला हो रहा है। हम सभी का मानना है कि यह अलोकतांत्रिक है।