Electoral Bond: लोकसभा चुनाव 2024 :इलेक्टोरल बॉन्ड का मुद्दा छाया हुआ है। इसे लेकर NDA और इंडिया गठबंधन आमने-सामने आ गए हैं। इस बीच अमित शाह ने राहुल गांधी पर हफ्ता वसूली का तंज कसा है।
Electoral Bond : देश में लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज गया है। राजनीतिक पार्टियों के दिग्गज नेता चुनावी मैदान में उतर गए हैं। इस बार के चुनाव में इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर पक्ष और विपक्ष दोनों दलों के बीच जुबानी जंग जारी है। कांग्रेस नेता RAHUL GANDHI ने चुनावी बॉन्ड को दुनिया का सबसे बड़ा जबरन वसूली का रैकेट बताया तो केंद्रीय गृह मंत्री AMIT SHAH ने पटलवार करते हुए हफ्ता वसूली का तंज कसा।
गृह मंत्री अमित शाह ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि राहुल गांधी भी 1,600 करोड़ रुपये प्राप्त किए हैं। उन्हें यह हफ्ता वसूली से कहां से मिली है। अगर वे कहते हैं कि चुनावी चंदा वसूली है तो उन्हें भी इसका पूरा विवरण देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर चुनावी चंदों की डिटेल सार्वजनिक हो गई तो इंडिया गठबंधन अपना चेहरा दिखाने लायक नहीं रहेगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक करार दिए जाने के फैसले पर अमित शाह ने कहा कि हम अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं।
चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड का किया खुलासा
इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये राजनीतिक दलों को चुनावी चंदे मिलते हैं। पिछले हफ्ते कई राजनीतिक पार्टियों को मिले चुनावी चंदों का स्त्रोत और राशि का खुलासा किया गया है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी को 6,061 करोड़ रुपए (कुल भुनाए गए मूल्य का 47.5%) मिले हैं, जबकि चुनावी दान के तौर पर टीएमसी को 1,610 करोड़ (12.6%) और कांग्रेस को 1,422 करोड़ रुपये मिले हैं।
सैंटियागो मार्टिन ने दिया सबसे ज्यादा चंदा
बॉन्ड के सबसे बड़े खरीदार की बात करें तो लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन ने 1,368 करोड़ रुपये चंदा दिया है, जिनमें से 37 प्रतिशत राशि तमिलनाडु के सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) को मिली थी। कर्नाटक की पार्टी जेडीएस को 89.75 करोड़ रुपये के बॉन्ड मिले। हैदराबाद स्थित मेघा इंजीनियरिंग कंपनी चुनावी बॉन्ड खरीदने में दूसरे नंबर है, जिन्होंने 50 करोड़ रुपये का चंदा दिया।