कोरोना महामारी के बाद दुनिया भर में लोगों ने स्वस्थ आहार को अपनाया है। लोगों ने स्वस्थ खान-पान की आदतें अपना ली हैं जबकि भारत में इसका उलटा हो गया है। यहां कोरोना ने लोगों का खान-पान पहले से भी ज्यादा बिगाड़ दिया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा भारतीय अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संबंध परिषद (आईसीआरआईईआर) के सहयोग से किए गए एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार भारत में वसा, चीनी और नमक से भरपूर खाद्य पदार्थों की मांग 2020 के बाद तेजी से बढ़ने की उम्मीद है।
अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड की खपत 39% बढ़ जाएगी
आंकड़े बताते हैं कि अगले दशक में आवश्यक खाद्य पदार्थों की कीमत पर अल्ट्रा-प्रोसेस्ड भोजन की मांग तेजी से बढ़ेगी। कुल प्रसंस्कृत भोजन में अल्ट्रा-प्रोसेस्ड भोजन की हिस्सेदारी 2021 में 36% से बढ़कर 2032 में 39% होने की उम्मीद है। चॉकलेट, चीनी आधारित मिठाइयाँ, नमकीन, नमकीन, तैयार भोजन को अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड कहा जाता है।